Description
PUBLISHED BY HINDI GRANTH ACADEMY RAJASTHAN KA BHUGOL WRITTEN BY HARI MOHAN SAXSENA
HARIMOHAN SAKSENA RAJASTHAN KA BHUGOL
PUBLICATION | RAJASTHAN HINDI GRANTH ACADEMY |
AUTHOR | Dr. HARIMOHAN SAKSENA |
ISBN | 9789390571390 |
EDITION | 44th edition 2022 |
Voice of Author (Dr. H. M. Saksena)
'राजस्थान का भूगोल' पुस्तक का 44वाँ संस्करण का प्रकाशन पुस्तक की उपादेयता का द्योतक है। प्रस्तुत संस्करण पूर्णतया संशोधित है, अतः भूगोल के विद्यार्थियों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये भी उपयोगी होगा पुस्तक में राजस्थान के विविध भौगोलिक, आर्थिक एवं जनसांख्यिकीय पक्षों का समुचित विवेचन प्रस्तुत किया गया है।
पुस्तक का कलेवर 19 अध्यायों में विभक्त है। प्रथम अध्याय परिचयात्मक है, तत्पश्चात् अध्याय 2 से 6 में राज्य के प्राकृतिक एवं भौगोलिक स्वरूप अर्थात् भू आधारिक संरचना, उच्चावच, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, जैवविविधता एवं मृदा का विवेचन है। अध्याय 7 से 13 में आर्थिक विकास के विविध पक्षों का विश्लेषण किया गया है। इसके पश्चात् मानव संसाधन (जनसंख्या), जनजातियां, पर्यटन, पारिस्थितिको संकट एवं पर्यावरण प्रदूषण के अध्याय हैं। अंतिम दो अध्यायों में राज्य के भौगोलिक प्रदेशों का निर्धारण एवं विस्तृत विवेचन है। विद्यार्थियों के लिये पुस्तक को और अधिक उपादेय बनाने हेतु पुस्तक के अन्त में महत्वपूर्ण प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है। सम्पूर्ण पुस्तक में तथ्यात्मक एवं सारगर्भित विवेचन किया गया है तथा अनावश्यक विस्तार से बचा गया है। वर्तमान संस्करण के नवीनतम आंकड़े आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, जयपुर द्वारा प्रकाशित Movie Review-2018-19', Statistical Year Book of Rajasthan, 2018 तथा कृषि उत्पादन एवं खनिज उत्पादन के आंकड़े संबंधित विभागीय वेबसाइट से लिये गये है, अत: अधिकृत है। जनसंख्या सम्बन्धी आंकड़े 'Census of India 2011 से लिये गये हैं। ये राजस्थान जनगणना-2011 के ऑंतिम आँकडे हैं, जो राजस्थान जनगणना विभाग ने प्रकाशित किये हैं। लेखक राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के निदेशक डॉ. बी. एल. सैनी, प्रकाशन अधीक्षक श्री सुनील दत्त माधुर, श्री तेजसिंह तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों का आभारी है, जिन्होंने पुस्तक के वर्तमान संस्करण के प्रकाशन को मूर्तरूप दिया। अन्त में, में पत्नी निर्मला सक्सेना एवं समस्त परिवारजनों का उनके सहयोग एवं भावनात्मक सम्बल हेतु धन्यवाद देता हूँ।
हरि मोहन सक्सेना